ठाणे| झोपडपट्टी पुनर्वास योजना के तहत 300 वर्ग फुट का घर मुंबई क्षेत्र के निवासियों को प्रदान किया ठाणे शहर झोपडपट्टी रहिवाशी ठाणेजा रहा है, जबकि 269 वर्ग फुट का घर ठाणे में झोपडपट्टी धारकों को दिया जा रहा है। ठाणे स्थित झोपडपट्टी धारकों को भी 300 वर्ग फुट का एक घर दिया जाये अन्यथा ठाणे में 210 झोपडपट्टियों के नागरिक आगामी विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे। यह चेतावनी ठाणे शहर झोपडपटी रहवासी संगठन ने एक संवाददाता सम्मेलन में दी हैउन्होंने बताया कि सोमवार 9 सितंबर को ठाणे जिला अधिकारी कार्यालय में एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर ठाणे शहर झोपडपट्टी संगठन के अध्यक्ष राकेश मोदी, महादेव पवार, विजय प्रताप सिंह, इमैनुएल नाडर, प्रमोद पांडे, सुरेश खेराडे, सीताराम नायडूबाबा राउत ठस उमा भालेराव आदि पदाधिकारी उपस्थित थेरहिवाशी संघटना ठाणे) ठाणे महानगर पालिका के 2011 की जनगणना के अनुसार सरकारीअर्ध-सरकारी तथा निजी जमीनों पर 210 झोपडपट्टी परिसर हैं। इन झोपडपट्टियों में करीब डेढ लाख लोग रह रहे हैं। सरकार ने स्लम में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए स्लम पुनर्वशन प्राधिकरण की स्थापना की है पर राज्य सरकार मुंबई तथा ठाणे के लिए अलग अलग मापदंड तय किया है। राज्य सरकार ठाणे के नागरिकों के साथ भेदभाव कर रही है। यह आरोप मोदी ने लगाया है। पुनर्वास योजना के तहत मुबई में पहले 269 वर्ग फुट के घर उपलब्ध कराए जा रहे थे। पर मई 2018 को मुंबई में निवासियों को 300 वर्ग फुट के घर देने का निर्णय लिया गया है। जिस तरह से मुम्बई निवासियों के लिए 300 वर्ग फुट का घर देने का निर्णय लिया है उसी तरह का निर्णय ठाणे वासियों के लिए भी लिया जाना चाहिए। हालांकि ठाणे म कुटार मालिका का 269 वग फुट का घर देने का फैसला किया गया था। इस निर्णय के कारण थानेकर हट धारकों को अन्याय हुआ है। इस समय उत्तजित सवाल उठाया गया था कि ठाणे शहर को योजना से क्यों छोड दिया गया था। सरकार द्वारा लिया गया निर्णय ठाणे में झोपडीधारकों को दिए गए इस पुनरावर्तक व्यवहार का परिणाम है। 51 प्रतिशत झुग्गी मालिक एक झुग्गी पुनर्वास परियोजना को लागू करने के लिए सहमत है। झुग्गी पुनर्वास योजना के तहत हमारी मुख्य मांग मुंबई पर लागू नियमों को लाग करना हैयदि मांग को स्वीकार नहीं किया गया तो इन झग्गियों से 25,000 नागरिकों को साथ लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर विरोध मार्च निकाला जाएगा और आगामी चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा। इस तरह की चेतावनी उन्होंने दी है।
झोपडपट्टी रहवासी संगठन का 9 सितम्बर को जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा