कोरोना इफेक्ट

कोरोनावायरस महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था का मंदी के दौर में जाना लगभग तय दिख रहा है। दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मंदी आएगी और संभव है कि यह 2008 की मंदी से ज्यादा बड़ी हो। अब बहस इस बात पर हो रही है कि मंदी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था कैसे रिकवर करेगी। इकोनॉमी में रिकवरी कैसे होगी इसको लेकर दुनियाभर के आर्थिक विशेषज्ञों में अनिश्चितता कायम है। जेपी-मोर्गन चेज एंड कंपनी के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रूस कसमान और उनकी टीम ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भविष्य बहुत अनिश्चितता भरा है। वायरस संक्रमण के सफर, संक्रमण को रोकने की कोशिश के असर, आर्थिक राहत की नीतियों और निजी सेक्टर के व्यवहार के बीच बहुत जटिल संबंध है। आगे स्थिति क्या होगी इस बात पर रिकवरी निर्भर करेगी।


मई तक संक्रमण रुका तो तेज रिकवरी संभव 


अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट के बाद अगर रिकवरी भी उतनी ही तेज होती है तो इसे वी शेप रिकवरी कहते हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, वी शेप की रिकवरी प्रक्रिया तब होगी, जब अप्रैल या मई तक पूरी दुनिया से वायरस का संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।